School Holiday : ग्वालियर जिसे संगीत नगरी के नाम से जाना जाता है, हर साल तानसेन संगीत समारोह का आयोजन करता है. यह महोत्सव भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है और संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़े आकर्षण का केंद्र है. इस वर्ष यह आयोजन 15 से 19 दिसंबर तक किया जाएगा, जिसमें 18 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम होगा. इस दिन ग्वालियर में स्थानीय अवकाश भी घोषित किया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बन सकें.
तानसेन संगीत समारोह का इतिहास और महत्व
तानसेन संगीत समारोह का आयोजन भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति समर्पण को प्रदर्शित करता है.तानसेन मुगल सम्राट अकबर के नौ रत्नों में से एक थे और शास्त्रीय संगीत के महान प्रतिपादक माने जाते हैं. यह समारोह न केवल ग्वालियर, बल्कि पूरे भारत के लिए सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है. यह महोत्सव नई पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत की ओर आकर्षित करता है और इस कला को बढ़ावा देता है.
15 से 19 दिसंबर तक आयोजन की विशेषताएं
तानसेन संगीत समारोह 15 दिसंबर से शुरू होगा और 19 दिसंबर तक चलेगा. इस महोत्सव में देश-विदेश के ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीतकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे. तानसेन समाधि स्थल पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 18 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम के रूप में अलंकरण समारोह आयोजित होगा, जिसमें संगीत के क्षेत्र में खास योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा.
18 दिसंबर को स्थानीय अवकाश
ग्वालियर संभागायुक्त मनोज खत्री ने 18 दिसंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया है. इस दिन ग्वालियर जिले के सभी स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. अधिक से अधिक लोग इस सांस्कृतिक आयोजन में शामिल हो सकें.
कलेक्टर के विशेष आदेश
ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने महोत्सव के सुचारू संचालन के लिए कई आदेश जारी किए हैं. तानसेन समाधि स्थल के तीन किलोमीटर के दायरे में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रोक लगाई गई है, ताकि समारोह में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो. कार्यक्रम स्थल से 100 मीटर के दायरे में अस्त्र-शस्त्र रखने और उनके प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है. यह आदेश 15 से 19 दिसंबर तक लागू रहेगा.
कार्यक्रम का सांस्कृतिक महत्व
तानसेन संगीत समारोह न केवल एक आयोजन है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का उत्सव है.
- संगीत प्रेमियों का संगम: यह महोत्सव देश-विदेश के संगीत प्रेमियों को एक साथ लाता है.
- शास्त्रीय संगीत की धरोहर: यह समारोह शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देता है और इसकी समृद्ध परंपरा को संरक्षित करता है.
- नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा: इस महोत्सव के माध्यम से युवा पीढ़ी को संगीत के प्रति आकर्षित किया जाता है.
कार्यक्रम में प्रस्तुतियां और सम्मान
तानसेन संगीत समारोह में विभिन्न प्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.
- अलंकरण कार्यक्रम: 18 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम में उन कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में अमूल्य योगदान दिया है.
- विशिष्ट प्रस्तुति: संगीत के विभिन्न रूपों, जैसे ध्रुपद, ख्याल, और अन्य शास्त्रीय रचनाओं का प्रदर्शन किया जाएगा.
Up govt ki be chhutti hai kya
18 December ko
nahi , uttar pardesh me 18 december ka chutti nahi hai…
Kad ki hai our kaya hai
Haryana aur gurgaon me chutti h?
nahi sir, Gurgaon (Haryana) me 18 dec. ka chutti nahi hai.