किसान योजना से जुड़े किसानों को मिलेगी सोलर सुविधा, आबेदन करने में ना करे देरी PM Kusum Yojana

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PM Kusum Yojana: बिहार सरकार ने किसानों को बिजली संकट से राहत देने के लिए सोलर योजना शुरू की है. इस योजना के तहत किसान अपने खेतों में सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं. इससे न केवल कृषि कार्यों में आसानी होगी. बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा.

पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को मिलेगा लाभ

सोलर योजना को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत लागू किया गया है. इसके तहत किसान अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सकते हैं. एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए चार एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. इस प्लांट से उत्पादित बिजली को विभाग द्वारा खरीदा जाएगा. जिससे किसानों को नियमित आय प्राप्त होगी.

केंद्र और राज्य सरकार देगी सब्सिडी

इस योजना पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों की तरफ से सब्सिडी दी जाएगी. इससे किसानों के लिए सोलर पावर प्लांट लगाना किफायती हो जाएगा. बिजली विभाग ने जानकारी दी है कि इस योजना के तहत प्लांट 1 साल के भीतर चालू हो जाएगा.

आवेदन करने की प्रक्रिया और अंतिम तिथि

सोलर योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को 8 जनवरी तक आवेदन करना होगा. आवेदन के लिए पैन कार्ड, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर अनिवार्य हैं. किसान ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. जिससे प्रक्रिया सरल और समय बचाने वाली बनती है.

कौन-कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ किसान, किसान समूह, सहकारिता, पंचायत, किसान उत्पादक संघ, जल उत्पादक संघ और स्वयं सहायता समूह ले सकते हैं. इसके लिए कोई विशेष तकनीकी या वित्तीय मापदंड नहीं रखा गया है. जिससे अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें.

बिजली संकट का समाधान और आर्थिक मजबूती

सोलर पावर प्लांट न केवल बिजली संकट का समाधान करेगा. बल्कि इससे किसानों को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी. प्लांट से उत्पादित बिजली को 25 सालों तक विभाग खरीदेगा. जिससे किसानों को स्थायी आय प्राप्त होगी.

कृषि में सौर ऊर्जा का उपयोग

कृषि क्षेत्र में सोलर पावर के उपयोग से किसानों को सिंचाई और अन्य कार्यों में सुविधा मिलेगी. सौर ऊर्जा पर आधारित यह प्रणाली पर्यावरण के अनुकूल है और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों की तुलना में अधिक स्थायी है.

योजना का व्यापक प्रभाव

इस योजना का उद्देश्य न केवल किसानों की बिजली संबंधी समस्याओं को हल करना है. बल्कि राज्य में हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना भी है. यह पहल बिहार को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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