LAND REGISTRATION RULE: बिहार में जमीन, मकान और अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री प्रक्रिया 17 दिसंबर 2024 से पूरी तरह बदल जाएगी। अब रजिस्ट्री ई-रजिस्ट्री प्रणाली के माध्यम से होगी। यह नया डिजिटल सिस्टम पारदर्शिता, सुविधा और धोखाधड़ी रोकने के उद्देश्य (e-registry system in Bihar) से लागू किया गया है। इससे खरीदार और विक्रेता दोनों को लाभ मिलेगा।
ई-रजिस्ट्री से मिलेगी सुविधा और पारदर्शिता
ई-रजिस्ट्री के जरिए जमीन और अन्य संपत्तियों की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता आएगी। यह नई प्रक्रिया पहले से ही बिहार के पारू, मोतीपुर, कटरा और सकरा उप निबंधक कार्यालयों में लागू है। अब इसे पूरे राज्य में लागू किया जा रहा है, जिससे लोगों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्री के सभी कार्य पूरे करने की सुविधा मिलेगी।
जमीन सत्यापन के लिए पहले आवेदन जरूरी
ई-रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए सत्यापन जरूरी होगा। इसके लिए आवेदन देना होगा। सत्यापन पूरा होने के बाद स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद आवेदक चालान और डीड तैयार कर सकेगा।
सिटीजन पोर्टल पर डिटेल्स भरने का प्रोसेस
डीड तैयार होने के बाद आवेदक को सिटीजन पोर्टल पर अपनी जानकारी भरनी होगी। इसके जरिए रजिस्ट्री प्रक्रिया का अगला चरण अपने आप तय हो जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटलीकृत और स्वचालित है, जिससे रजिस्ट्री में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी।
आधार सत्यापन से फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक
ई-रजिस्ट्री प्रणाली में आधार कार्ड का उपयोग करके फर्जीवाड़े को रोका जाएगा। विक्रेता, खरीदार और गवाह के बायोमेट्रिक सत्यापन के साथ उनकी आधार फोटो डीड में प्रिंट होगी। इससे भविष्य में विवाद होने की संभावना नहीं रहेगी।
सभी डाटा का होगा डिजिटल रिकॉर्ड
ई-रजिस्ट्री प्रक्रिया में सभी डाटा आधार नंबर के साथ दर्ज किए जाएंगे। इससे यह जांचना आसान होगा कि किस आधार नंबर के जरिए जमीन कब और कहां बेची या खरीदी गई। इससे न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि समय की भी बचत होगी।
जिला उप निबंधक देंगे दस्तावेजों को अंतिम रूप
सत्यापन के बाद जिला उप निबंधक दस्तावेजों को अंतिम रूप देंगे। विक्रेता, खरीदार और गवाह के बीच सहमति सुनिश्चित की जाएगी। अगर कोई व्यक्ति दिए गए समय स्लॉट में डीड रजिस्टर नहीं करवा पाता है, तो उसे नई तारीख दी जाएगी।
समय और पैसे की बचत
इस नई प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्री प्रक्रिया में समय और पैसे दोनों की बचत होगी। पहले से डाटा फीड होने के कारण निबंधन कार्यालय के कर्मचारियों का काम कम होगा। इसके अलावा अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
डिजिटल बदलाव से होगी नई शुरुआत
ई-रजिस्ट्री प्रणाली का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान और भरोसेमंद बनाना है। यह कदम बिहार सरकार की पारदर्शिता और डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।