College Winter Holidays : राजस्थान में 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश की परंपरा रही है। सरकारी स्कूलों और निजी संस्थानों में यह अवकाश हर साल शिविरा पंचांग के अनुसार 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक होता है। लेकिन इस बार 20 दिसंबर तक भी स्थिति स्पष्ट न होने के कारण छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में असमंजस का माहौल है।
कॉलेजों में 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक अवकाश College Winter Holidays
कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय ने स्पष्ट किया है कि राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में 25 दिसंबर से 31 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। कॉलेज स्तर पर सात दिन की छुट्टियों की घोषणा पहले ही कर दी गई है, लेकिन स्कूलों के मामले में अभी भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
परीक्षाओं के कारण बढ़ी उलझन
शिक्षा विभाग इस साल पहली बार राज्य स्तर पर एक समान अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं का आयोजन कर रहा है।
- पहले तय कार्यक्रम: ये परीक्षाएं 27 दिसंबर तक होनी थीं।
- संशोधित कार्यक्रम: शिक्षक संघों के विरोध के बाद शिक्षा विभाग ने 24 दिसंबर के बाद कोई परीक्षा न रखने का फैसला लिया।
यह संशोधन शीतकालीन अवकाश की संभावित तारीखों के साथ मेल खाता है, जिससे निर्णय में देरी हो रही है।
पिछले वर्षों से बदलते मौसम का असर
राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों से दिसंबर में सर्दी कम और जनवरी में अधिक तेज होती है।
- जिला कलेक्टर का हस्तक्षेप: जनवरी में शीतलहर के चलते कलेक्टर स्कूलों को बंद करने के आदेश देते हैं।
- शिक्षा मंत्री का बयान: मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट किया है कि इस बार शीतकालीन अवकाश सर्दियों की वास्तविक स्थिति देखकर तय किए जाएंगे।
पर्यटन और अवकाश की योजना पर असर
शीतकालीन अवकाश का समय पर्यटन और परिवार के साथ समय बिताने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- एडवांस बुकिंग में परेशानी: अवकाश की घोषणा में देरी से घूमने-फिरने की योजना प्रभावित हो रही है।
- अभिभावकों की चिंता: बच्चों की छुट्टियों की तारीखों को लेकर स्पष्टता न होने से परिवार असमंजस में है।
शीतकालीन अवकाश की आवश्यकता
सर्दियों में शीतलहर और ठंड बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- स्वास्थ्य का ध्यान: छुट्टियां बच्चों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक हैं।
- पढ़ाई का नुकसान: हालांकि लंबे अवकाश से शैक्षणिक सत्र पर भी असर पड़ता है।
असमंजस की स्थिति क्यों बनी?
शीतकालीन अवकाश को लेकर असमंजस की स्थिति मुख्यतः तीन कारणों से उत्पन्न हुई है:
- मौसम में बदलाव: सर्दियों की शुरुआत में ठंड कम पड़ने के कारण सरकार निर्णय लेने में देरी कर रही है।
- परीक्षाओं का शेड्यूल: अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तारीखों और अवकाश के बीच तालमेल बिठाना चुनौतीपूर्ण है।
- सरकारी नीति में बदलाव: शिक्षा मंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस बार अवकाश मौसम की स्थिति देखकर तय होंगे।
शिविरा पंचांग और अवकाश की परंपरा
शिविरा पंचांग के अनुसार, राजस्थान में 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की परंपरा है। यह समय बच्चों और अभिभावकों को आराम और सर्दियों का आनंद उठाने का मौका देता है। लेकिन बदलते मौसम और प्रशासनिक बदलावों के कारण इस बार यह परंपरा प्रभावित हो सकती है।