मंत्रियों ने मांगा सरकारी कर्मचारियों के तबादले का अधिकार, CM ने कर दिया ये ऐलान Govt Employees Transfer

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Govt Employees Transfer: हरियाणा के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष ग्रुप सी और डी के सरकारी कर्मचारियों के तबादले का अधिकार मांगा है. यह मांग पिछले हफ्ते बुधवार को आयोजित बैठक में उठाई गई. मंत्रियों का कहना है कि अगर ग्रुप ए और बी के अधिकारियों पर यह अधिकार नहीं दिया जा सकता, तो कम से कम ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को स्थानांतरित करने की शक्ति दी जाए.

मुख्यमंत्री कार्यालय के नियंत्रण में तबादला प्रक्रिया

वर्तमान में हरियाणा में सभी तबादलों का काम मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा किया जाता है. इस प्रक्रिया में हरियाणा सिविल सेवा के एक विशेष अधिकारी (एचसीएस) को नियुक्त किया गया है, जो तबादला कार्य के लिए विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में कार्य करते हैं.

ऑनलाइन तबादला प्रणाली की पारदर्शिता

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि तबादलों की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होती है. कर्मचारियों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर समितियों से संपर्क करने का सुझाव दिया गया है. मुख्यमंत्री ने इस बात से इनकार किया कि मंत्रियों को तबादला अधिकार दिया जाएगा.

मंत्रियों की नाराजगी

बैठक में एक मंत्री ने यह दुख व्यक्त किया कि वह अपने विभाग के एक चपरासी का भी तबादला करने की स्थिति में नहीं हैं. इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए, मंत्रियों ने अनुरोध किया कि उन्हें कम से कम ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों का स्थानांतरण करने का अधिकार दिया जाए.

पहले मंत्रियों को मिला था अधिकार

2019 में मुख्यमंत्री खट्टर के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में मंत्रियों को तबादलों का अधिकार दिया गया था. लेकिन 2020 से इस व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया. तब से लेकर अब तक यह अधिकार पूरी तरह से मुख्यमंत्री कार्यालय के पास है.

इतिहास में तबादला अधिकार पर क्या रही व्यवस्था

हरियाणा के पूर्व मंत्री संपत सिंह के अनुसार, देवी लाल और ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्रियों को साल में एक या दो महीने के लिए तबादले का अधिकार दिया जाता था. लेकिन जब इसे अनियंत्रित तरीके से इस्तेमाल किया गया तो अधिकार वापस ले लिए गए.

पारदर्शिता के दावे पर उठे सवाल

पूर्व मंत्री संपत सिंह ने पूछा कि जब भाजपा सरकार दावा करती है कि उसने तबादलों में पारदर्शिता लाई है, तो मंत्रियों को तबादला अधिकार की जरूरत क्यों है. उन्होंने कहा कि जब हर मंत्री तबादले का आदेश देने लगेगा, तो पारदर्शिता के दावों का क्या होगा?

सत्ता का केंद्रीकरण

कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार के तहत सत्ता पूरी तरह से केंद्रीकृत है. उन्होंने मंत्रियों के साथ सहानुभूति जताई कि जब वे एक चपरासी का भी तबादला करने में सक्षम नहीं हैं, तो उनकी भूमिका सीमित हो गई है.

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