Govt Scheme: आज कई विकसित देशों में जनसंख्या संकट गहराता जा रहा है. जापान से लेकर चीन तक अधिकांश देशों में जन्म दर तेजी से गिर रही है. इस कारण बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है और कार्यबल में कमी हो रही है. जापान जैसे देशों में यह समस्या इतनी गंभीर हो गई है कि अब सरकार बच्चों को जन्म देने के लिए नागरिकों को प्रोत्साहन दे रही है.
तीन दिन की विशेष छुट्टी
जापान ने जन्म दर बढ़ाने के लिए अपने कर्मचारियों को तीन दिन की विशेष छुट्टी (incentives for child birth in japan) देने का निर्णय लिया है. यह योजना खासतौर पर युवा जोड़ों को ध्यान में रखकर बनाई गई है ताकि वे अपने पारिवारिक जीवन को बेहतर बना सकें. इसके साथ ही जापान ने आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाएं भी दी हैं जिससे माता-पिता को बच्चों के पालन-पोषण में मदद मिल सके.
छात्राओं के लिए आर्थिक प्रोत्साहन
रूस ने जनसंख्या संकट से निपटने के लिए एक अनोखी योजना (financial incentives for young mothers in russia) बनाई है. कारेलिया क्षेत्र में 25 वर्ष से कम उम्र की छात्राओं को स्वस्थ बच्चे को जन्म देने पर 100,000 रूबल (लगभग 81,000 रुपये) की सहायता दी जा रही है. यह योजना 1 जनवरी से लागू हुई है. इस योजना का उद्देश्य युवाओं को परिवार शुरू करने के लिए प्रेरित करना है.
अन्य क्षेत्रों में भी प्रोत्साहन योजनाएं
रूस के अन्य क्षेत्रों में भी महिलाओं के लिए प्रोत्साहन योजनाएं (population incentives in russian regions) चलाई जा रही हैं. कुछ क्षेत्रों में तो यह राशि 8.5 लाख रुपये तक है. हालांकि इस योजना के तहत कुछ शर्तें भी लागू होती हैं. मसलन यह योजना केवल उन्हीं माताओं पर लागू होगी, जो जीवित और स्वस्थ बच्चे को जन्म देंगी.
दिव्यांग बच्चों और नवजात मृत्यु का मामला
योजना के नियमों में कुछ सवाल अब भी स्पष्ट नहीं हैं. अगर बच्चा दिव्यांगता के साथ जन्म लेता है या जन्म के तुरंत बाद मृत्यु का शिकार हो जाता है, तो क्या यह योजना लागू होगी? यह सवाल योजना की पारदर्शिता (disability and birth incentives debate) और व्यवहारिकता पर सवाल उठाते हैं.
वैश्विक संकट और समाधान की जरूरत
जापान और रूस की ये योजनाएं केवल शुरुआत (global population crisis solutions) हैं. घटती जनसंख्या और बढ़ती बुजुर्ग आबादी एक वैश्विक समस्या बनती जा रही है. इसके लिए लंबे समय तक चलने वाली योजनाएं और व्यापक सामाजिक बदलावों की जरूरत है.
भारत के लिए सबक
भारत जैसे देश भी इन योजनाओं से प्रेरणा (lessons for india on population policies) ले सकते हैं. हालांकि, भारत में स्थिति अभी इतनी गंभीर नहीं है, लेकिन भविष्य में ऐसी चुनौतियों से बचने के लिए पहले से योजना बनाना जरूरी है.
नीतियों की पारदर्शिता और प्रभाव का आकलन
जन्म दर को बढ़ाने के लिए बनाई गई नीतियों की पारदर्शिता (policy transparency and evaluation) और प्रभाव का आकलन करना जरूरी है. सरकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी योजनाएं सही तरीके से लागू हों और उनका दीर्घकालिक प्रभाव सकारात्मक हो.