Haryana New Railway Line: हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी रेलवे परियोजना है जिसे हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा विकसित किया जा रहा है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यातायात की समस्या को सुलझाना और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है. इस रेल कॉरिडोर के बनने से न केवल मालगाड़ियों की ढुलाई आसान होगी बल्कि सड़कों पर वाहनों का दबाव भी कम होगा. इसके साथ ही औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा जो राज्य की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
121 किलोमीटर लंबा रेल मार्ग और 5700 करोड़ रुपये का निवेश
यह परियोजना 121 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण करेगी, जो पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच स्थित होगी. इस प्रोजेक्ट पर कुल 5700 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह रेल मार्ग कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे (KMP Expressway) के समानांतर विकसित किया जाएगा, जिससे यह रेल नेटवर्क उन प्रमुख शहरों और औद्योगिक हब्स को आपस में जोड़ेगा. इस परियोजना से संबंधित प्रमुख जिलों जैसे पलवल, गुरुग्राम, झज्जर और सोनीपत को एक मजबूत कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी.
माल ढुलाई के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई रेल लाइन
इस रेल कॉरिडोर को माल ढुलाई के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है जिससे भारी और बड़े सामान की ढुलाई में आसानी हो. ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी, और इस मार्ग से रोज़ाना 5 करोड़ टन माल की ढुलाई संभव होगी. इसके अलावा, डबल स्टैक कंटेनरों (Double Stack Containers) के लिए भी इस लाइन को तैयार किया गया है, जो माल की ढुलाई में समय और लागत की बचत करेगा. इस परियोजना से औद्योगिक क्षेत्रों में निर्यात और उत्पादन की गति को भी बढ़ावा मिलेगा.
रेल लाइन के निर्माण में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा
इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए 67 गांवों की 1665 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. सरकार ने भूमि मालिकों के लिए उचित मुआवजे का भी आश्वासन दिया है, ताकि यह परियोजना बिना किसी बाधा के समय पर पूरी हो सके. भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition in Haryana) के दौरान स्थानीय लोगों के हितों का ख्याल रखा जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें समय पर मुआवजा मिल सके. यह कदम परियोजना को जल्दी और सुगमता से पूरा करने में मदद करेगा.
औद्योगिक विकास को स्पीड मिलेगी
यह रेल कॉरिडोर हरियाणा के औद्योगिक विकास में अहम योगदान देगा. मानेसर और खरखोदा जैसे औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने वाला यह रेल मार्ग औद्योगिक वस्तुओं की आवाजाही को आसान बनाएगा. इसके अलावा, आईएमटी मानेसर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा. यह कॉरिडोर राज्य के प्रमुख औद्योगिक हब्स को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और व्यवसायों के लिए सुविधाएं बढ़ाएगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास में तेजी आएगी.
रेल कॉरिडोर के प्रमुख स्टेशन
इस परियोजना के तहत कई प्रमुख स्थानों पर रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जो हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ेंगे. इनमें सोनीपत, तुर्कपुर, खरखौदा, जसोर खेड़ी, मांडोठी, बादली, देवराखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चांदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल शामिल हैं. ये स्टेशन न केवल ग्रामीण इलाकों को कनेक्ट करेंगे, बल्कि शहरी इलाकों में भी यातायात की समस्या को हल करेंगे. इस रेल कॉरिडोर के निर्माण से राज्य के दूरदराज़ इलाकों में भी बेहतर कनेक्टिविटी (Improved Connectivity in Haryana) स्थापित होगी.
करनाल से यमुनानगर तक नया रेल मार्ग
हरियाणा में करनाल से यमुनानगर तक एक नया रेल मार्ग भी प्रस्तावित है, जो 61 किलोमीटर लंबा होगा. इस नई रेल लाइन के निर्माण से इंद्री, लाडवा और रादौर जैसे क्षेत्रों को जोड़ने में मदद मिलेगी. यह मौजूदा 121 किलोमीटर लंबे मार्ग का समय और दूरी कम करेगा, जिससे यातायात और माल ढुलाई में सुविधा होगी. इस प्रोजेक्ट के लिए 11730 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट के साथ पांच नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें रंभा, इंद्री, लाडवा, रादौर और दामला शामिल हैं. यह रेल मार्ग औद्योगिक वस्तुओं और कच्चे माल की आवाजाही को सुगम बनाएगा.
रेल कॉरिडोर से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर न केवल यातायात को बेहतर बनाएगा, बल्कि राज्य के समग्र आर्थिक विकास में भी योगदान देगा. इस रेल मार्ग से औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे राज्य के रोजगार और व्यापार में वृद्धि होगी. इसके अलावा, इस कॉरिडोर से कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन में तेजी आएगी, जो पूरे राज्य के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा.