Oldest Railway Station: 16 अप्रैल 1853 को भारत में पहली बार ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर से ठाणे के बीच दौड़ी. यह 34 किलोमीटर का सफर उस समय के लिए ऐतिहासिक था. इस सफर ने न केवल भारत में रेलवे का प्रारंभ किया बल्कि देश के औद्योगिक विकास की नींव रखी. अंग्रेजों के जमाने में शुरू हुई इस प्रणाली ने भारतीय परिवहन को नया आयाम दिया.
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) देश का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन (India’s Oldest Railway Station) है. इसे पहले बोरी बंदर के नाम से जाना जाता था. साल 1853 में इसका निर्माण किया गया और 1878 में इसे फिर से विक्टोरिया टर्मिनस नाम दिया गया. आजादी के बाद इसे छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन और फिर 2017 में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस नाम दिया गया.
172 साल पुरानी धरोहर
172 साल पुराने इस स्टेशन ने भाफ इंजन से लेकर आधुनिक वंदे भारत (India’s Modern High-Speed Train) की रफ्तार तक का सफर देखा है. यह स्टेशन न केवल मुंबई का गौरव है, बल्कि भारतीय रेलवे के इतिहास का हिस्सा भी है. इस स्टेशन पर रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं.
आर्किटेक्चर की बेमिसाल काम
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस का आर्किटेक्चर (Victorian Gothic Architecture in Mumbai) विश्व प्रसिद्ध है. इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट फ्रेडरिक स्टीवेंस ने डिज़ाइन किया था. इस इमारत का निर्माण 16 लाख रुपये की लागत से हुआ था. इसके डिजाइन में विक्टोरियन गॉथिक स्टाइल का अद्भुत मिश्रण देखा जा सकता है, जो इसे भारत की सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतों में से एक बनाता है.
ताज महल के बाद सबसे ज्यादा खींची जाने वाली तस्वीरें
इस रेलवे स्टेशन की खूबसूरती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह ताज महल (Most Photographed Heritage Site After Taj Mahal) के बाद भारत में सबसे ज्यादा फोटो खिंचवाने वाली जगह है. यहां हर साल लाखों पर्यटक सिर्फ इस ऐतिहासिक इमारत को देखने आते हैं.
भारतीय रेलवे का गौरव
यह स्टेशन भारतीय रेलवे (Pride of Indian Railways) की शान है. यहां से देशभर के विभिन्न हिस्सों के लिए ट्रेनें चलती हैं. रोजाना लाखों यात्री इस स्टेशन से सफर करते हैं. यह स्टेशन न केवल मुंबई बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का प्रतीक है.
नाम बदलने का सफर
इस स्टेशन का नाम समय-समय पर बदलता रहा है. पहले इसे बोरी बंदर (Bori Bunder Railway Station) कहा जाता था. 1878 में इसे विक्टोरिया टर्मिनस और 1996 में छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन नाम दिया गया. 2017 में इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस कर दिया गया.
इतिहास और वर्तमान का अनोखा संगम
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में इतिहास और वर्तमान का मेल (Blend of History and Modernity) देखा जा सकता है. यह स्टेशन भारत की संस्कृति, विरासत और आधुनिकता का प्रतीक है. यह UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट के रूप में भी सूचीबद्ध है.
रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक यात्रा
मुंबई का यह रेलवे स्टेशन भारत के सबसे पुराने और ऐतिहासिक रेलवे स्टेशनों में गिना जाता है. यहां से पहली ट्रेन के चलने से लेकर आधुनिक ट्रेनों तक का सफर इस स्टेशन की अद्भुत यात्रा को दर्शाता है.
भारतीय रेलवे की अनमोल धरोहर
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस भारतीय रेलवे की अनमोल धरोहर (Heritage of Indian Railways) है. इसका इतिहास, आर्किटेक्चर और महत्व इसे न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में मशहूर बनाते हैं.