शादी करने वालों को मोदी सरकार की बड़ी सौगात, सरकार दे रही है 2.5 लाख रूपए Inter Cast Marriage

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Inter Cast Marriage: भारत सरकार ने समाज में समानता और जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से एक नई योजना शुरू की है. इस योजना का नाम अंतरजातीय विवाह योजना है. इसके तहत अंतरजातीय विवाह (Inter Cast Marriage) करने वाले दंपतियों को सरकार की ओर से ₹2.5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. यह योजना उन दंपतियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. जो सामाजिक बाधाओं को पार कर नई जिंदगी शुरू करते हैं.

योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य जातिगत भेदभाव को कम करना और समाज में समानता को बढ़ावा देना है. अंतरजातीय विवाह (Inter Cast Marriage) को लेकर समाज में अक्सर हिचकिचाहट और विरोध देखा जाता है. इस योजना के माध्यम से सरकार नवविवाहितों को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है. बल्कि उन्हें यह संदेश भी देती है कि वे समाज में बदलाव के वाहक हैं.

योजना के तहत ₹2.5 लाख की राशि कैसे मिलेगी?

अंतरजातीय विवाह योजना के तहत सरकार द्वारा नवविवाहित जोड़ों को ₹2.5 लाख की राशि सीधे उनके जॉइंट बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है.

  • शादी के बाद कपल को जिला कार्यालय में आवेदन करना होगा.
  • आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे जाति प्रमाण पत्र, शादी प्रमाण पत्र और आधार कार्ड जमा करना होगा.
  • आवेदन स्वीकृत होने के बाद ₹2.5 लाख की राशि कपल के जॉइंट खाते में ट्रांसफर की जाएगी.

कौन उठा सकता है योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ उन्हीं दंपतियों को मिलेगा जो इन शर्तों को पूरा करते हैं:

  • अलग-अलग जाति का होना आवश्यक: दूल्हा और दुल्हन में से एक सामान्य वर्ग से और दूसरा अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से होना चाहिए.
  • रजिस्टर मैरिज अनिवार्य: योजना का लाभ केवल रजिस्टर मैरिज करने वाले जोड़ों को मिलेगा.
  • भारतीय नागरिक होना आवश्यक: इस योजना का लाभ केवल भारतीय नागरिक ही उठा सकते हैं.
  • जॉइंट बैंक खाता: आवेदन करने से पहले कपल को एक जॉइंट बैंक खाता खोलना होगा.

आवेदन प्रक्रिया

योजना का लाभ उठाने के लिए नवविवाहित दंपति को निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करना होगा:

  • शादी का रजिस्ट्रेशन: सबसे पहले कोर्ट में रजिस्टर मैरिज करें.
  • जिला कार्यालय में आवेदन करें: शादी के बाद अपने जिले के संबंधित कार्यालय में योजना के लिए आवेदन करें.
  • आवश्यक दस्तावेज जमा करें: जाति प्रमाण पत्र, शादी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, नागरिक प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज जमा करें.
  • जॉइंट बैंक खाता खोलें: आवेदन के साथ जॉइंट बैंक खाता की जानकारी भी जमा करनी होगी.
  • प्रक्रिया पूरी करें: आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र दंपतियों के खाते में ₹2.5 लाख की राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी.

योजना के पीछे सरकार की सोच

सरकार का मानना है कि अंतरजातीय विवाह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके माध्यम से न केवल जातिगत भेदभाव खत्म होगा. बल्कि नवविवाहित जोड़ों को आर्थिक स्थिरता भी मिलेगी. यह राशि उन्हें अपनी नई जिंदगी की शुरुआत में मदद करने के लिए दी जाती है.

योजना से जुड़े विशेष नियम

  • आर्थिक सहायता का उपयोग: सरकार द्वारा दी गई राशि का उपयोग नवविवाहित अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं.
  • पात्रता की जांच: आवेदन के बाद सरकारी अधिकारी पात्रता की पूरी जांच करते हैं. ताकि केवल योग्य दंपतियों को ही योजना का लाभ मिले.
  • सामाजिक संदेश: यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है. बल्कि यह समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने का एक बड़ा संदेश भी देती है.

योजना के लाभ

  • आर्थिक स्थिरता: ₹2.5 लाख की राशि नवविवाहित दंपतियों को नई जिंदगी की शुरुआत में मदद करती है.
  • समाजिक समर्थन: इस योजना के माध्यम से सरकार अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देकर सामाजिक एकता को मजबूत कर रही है.
  • जातिगत भेदभाव का अंत: यह योजना जातिगत विभाजन को समाप्त करने और समाज में समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

योजना से जुड़ी चुनौतियां

हालांकि यह योजना बेहद उपयोगी है. लेकिन इसे लागू करने में कुछ चुनौतियां भी हैं:

  • जागरूकता की कमी: बहुत से लोग इस योजना के बारे में जानते ही नहीं हैं.
  • कागजी कार्रवाई: आवेदन प्रक्रिया में कागजी कार्यवाही अधिक होने के कारण कुछ दंपतियों को परेशानी हो सकती है.
  • समाज में विरोध: कई बार अंतरजातीय विवाह करने वाले दंपतियों को समाज और परिवार से विरोध का सामना करना पड़ता है.

सरकार की योजना को कैसे बनाया जाए सफल?

  • जागरूकता अभियान: सरकार को योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने चाहिए.
  • आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना: आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन और सरल बनाकर अधिक से अधिक दंपतियों को योजना से जोड़ना चाहिए.
  • सामाजिक स्वीकार्यता: समाज में अंतरजातीय विवाह को स्वीकार्य बनाने के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए.

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