13 और 14 जनवरी में से कब है लोहड़ी, जाने लोहड़ी बनाने का शुभ मुहूर्त Lohri Shubh Muhurat

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Lohri Shubh Muhurat: लोहड़ी का त्योहार उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है और फसल कटाई के उत्सव के रूप में जाना जाता है. लोहड़ी का पर्व न केवल एक धार्मिक परंपरा है बल्कि यह लोगों के लिए खुशी और समृद्धि का प्रतीक भी है. हर साल, लोहड़ी की तारीख और शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों में उत्सुकता रहती है. इस साल यानी 2025 में लोहड़ी का पर्व 13 या 14 जनवरी को मनाया जाएगा.

लोहड़ी 2025 की तारीख

लोहड़ी का पर्व सामान्यत: 13 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन कुछ स्थानों पर इसे 14 जनवरी को भी मनाने की परंपरा है खासकर जब सूर्य संक्रांति का समय रात के दौरान हो. 2025 में लोहड़ी 13 जनवरी सोमवार को मनाई जाएगी. यह दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से ठीक पहले आता है जो मकर संक्रांति के आने का संकेत देता है.

13 जनवरी को मनाई जाने वाली लोहड़ी की विशेषता यह है कि यह फसल कटाई और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. इस दिन लोग अपने घरों के आंगन में आग जलाते हैं और उसे आहुति देकर सुख, समृद्धि और समाज के कल्याण की प्रार्थना करते हैं. यह पर्व विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और दिल्ली में मनाया जाता है.

लोहड़ी 2025 का शुभ मुहूर्त

लोहड़ी के इस पर्व में अग्नि प्रज्वलित करने की परंपरा है. लोग आग में तिल, गुड़, मूंगफली, और रेवड़ी अर्पित करते हैं. इस समय को शुभ माना जाता है और इसे बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. लोहड़ी का शुभ मुहूर्त इस साल शाम 6:30 बजे से रात 8:00 बजे तक रहेगा. इस समय के दौरान आग के चारों ओर नृत्य और गाने का आयोजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

लोहड़ी के दौरान विशेष ध्यान रखा जाता है कि इस समय का लाभ परिवार और समाज के सभी लोग मिलकर उठाएं. लोग अग्नि के चारों ओर नृत्य करते हैं, गाते हैं और एक-दूसरे को खुश रहने और समृद्धि की कामना करते हैं. यह समय न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है.

लोहड़ी का महत्व और परंपराएं

लोहड़ी मुख्य रूप से पंजाबी समुदाय का पर्व है, लेकिन पूरे उत्तर भारत में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग अग्नि के चारों ओर इकट्ठा होते हैं और खुशी से नाचते-गाते हैं. लोहड़ी का पर्व समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है और इसे फसल की कटाई के साथ जोड़कर देखा जाता है. इस दिन विशेष रूप से तिल, गुड़, मूंगफली और रेवड़ी जैसे स्वादिष्ट पकवानों का वितरण किया जाता है.

लोहड़ी को एक नए प्रारंभ के रूप में भी देखा जाता है, जहां लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर पुराने साल को अलविदा कहते हैं और नए साल की शुभकामनाएं देते हैं. इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं और खासतौर पर लोहड़ी से जुड़े पारंपरिक गीत गाते हैं, जो समृद्धि और सुख की कामना करते हैं.

लोहड़ी को खास बनाने के टिप्स

लोहड़ी का पर्व खास बनाने के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें आप अपनाकर इस पर्व को और भी खास बना सकते हैं:

  1. पारंपरिक व्यंजन बनाएं: इस दिन गुड़ की रोटियां, सरसों का साग, मक्के की रोटी जैसे पारंपरिक पकवान बनाएं. यह न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि संस्कृति के प्रति सम्मान भी व्यक्त करते हैं.
  2. पारिवारिक समय: लोहड़ी को परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाएं. इस दिन सभी लोग एकजुट होकर खुशियां बांटते हैं, और यह सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है.
  3. संस्कृति का सम्मान: बच्चों को लोहड़ी की परंपराओं और इसके महत्व के बारे में बताएं. यह उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ता है और पारंपरिक त्योहारों की अहमियत को समझाता है.

लोहड़ी का संदेश

लोहड़ी सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह समृद्धि, खुशहाली और सामूहिकता का प्रतीक है. यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए और अपने समाज में एकता बनाए रखनी चाहिए. लोहड़ी का पर्व फसल कटाई का उत्सव है, और यह प्रकृति से हमारे रिश्ते को मजबूत करता है.

इस दिन हम अपनी मेहनत, खुशियों और नई शुरुआत का जश्न मनाते हैं. इस साल लोहड़ी के शुभ मुहूर्त पर अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस पर्व का आनंद लें और खुशियों का आदान-प्रदान करें.

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