Mumbai Nagpur Expressway: महाराष्ट्र के नागरिकों के लिए नए साल पर फडणवीस सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है. समृद्धि महामार्ग का आखिरी चरण पूरा हो चुका है. 701 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे नागपुर से मुंबई की दूरी को 16 घंटे से घटाकर 8 घंटे तक कर देगा. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जल्द ही इस महामार्ग के आखिरी फेज का उद्घाटन कर सकते हैं.
प्रोजेक्ट का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समृद्धि महामार्ग को महाराष्ट्र के लिए गेम चेंजर प्रोजेक्ट बताया है. यह प्रोजेक्ट न केवल राज्य के 10 जिलों को सीधे जोड़ता है, बल्कि 14 जिलों को इनडायरेक्ट कनेक्टिविटी (direct and indirect connectivity Maharashtra) भी प्रदान करता है.
- लाभ: ईंधन और समय की बचत.
- इंडस्ट्रीज का विकास: एक्सप्रेसवे के पास 18 नए स्मार्ट टाउन बनाए जाएंगे.
- रोजगार के अवसर: युवाओं के लिए नए रोजगार और पलायन में कमी.
डॉ. अनिल कुमार गायकवाड़
डॉ. अनिल कुमार गायकवाड़, महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) के मैनेजिंग डायरेक्टर, समृद्धि महामार्ग प्रोजेक्ट के मुख्य शिल्पकार हैं.
- प्रमुख प्रोजेक्ट्स: बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक, ठाणे क्रीक ब्रिज.
- विशेष योगदान: बड़ी परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में महारत.
डॉ. गायकवाड़ के नेतृत्व में यह प्रोजेक्ट समय से पूरा हुआ, जिससे महाराष्ट्र के विकास (Maharashtra infrastructure development) को नई रफ्तार मिली.
समृद्धि महामार्ग की खासियत
यह महामार्ग न केवल लंबाई में बड़ा है बल्कि अपनी तकनीकी सुविधाओं के लिए भी खास है.
- लंबाई: 701 किलोमीटर, छह लेन.
- स्पीड: 150 किमी/घंटा की अधिकतम गति.
- सुविधाएं: 65 फ्लाईओवर, 24 इंटरचेंज, छह सुरंगें.
- सुरक्षा: 21 एंबुलेंस और क्विक रिस्पांस व्हीकल्स (high-speed response vehicles) तैनात.
- तकनीकी विशेषताएं: जर्मन तकनीक से लैस 8 किमी लंबी जुड़वां सुरंग.
यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे हाइटेक और सुरक्षित (India’s safest expressway) एक्सप्रेसवे है.
आर्थिक लाभ
67,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्रोजेक्ट से महाराष्ट्र को बड़े आर्थिक लाभ होंगे.
- टोल कलेक्शन: पिछले दो वर्षों में 1.52 करोड़ गाड़ियां सफर कर चुकी हैं, जिससे 1100 करोड़ रुपये का टोल कलेक्शन (Maharashtra expressway toll collection) हुआ.
- ट्रांसपोर्ट फ्रेट कॉस्ट में कमी: इंडस्ट्रीज के ट्रांसपोर्ट खर्च में कमी आएगी.
- नए उद्योग: एक्सप्रेसवे के किनारे उद्योगों का विस्तार.
यह प्रोजेक्ट महाराष्ट्र की जीडीपी को नई ऊंचाई (boost Maharashtra GDP) तक ले जाने में मदद करेगा.
वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण का ध्यान
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण (wildlife-friendly expressway) का विशेष ध्यान रखा गया है.
- 80 से अधिक संरचनाएं: वन्यजीवों के आवागमन के लिए.
- ग्रीन बेल्ट: सड़कों के किनारे हरित क्षेत्र विकसित.
यह पहल एक्सप्रेसवे को पर्यावरण के अनुकूल बनाती है.
महाराष्ट्र की नई पहचान
समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के लिए एक नई पहचान (Maharashtra’s expressway pride) बन चुका है. यह न केवल राज्य की बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय भी बनाता है.