Nirvah Bhatta Yojana: हमारे देश के विकास में मजदूरों का योगदान अमूल्य है. किसी भी निर्माण की नींव मजदूरों की मेहनत पर टिकी होती है. दिन-रात काम करके ये श्रमिक न केवल अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं. बल्कि देश के निर्माण में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं. हालांकि कई बार निर्माण कार्य रुकने या अन्य कारणों से मजदूरों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में सरकार ने मजदूरों की मदद के लिए निर्वाह भत्ता योजना शुरू की है.
क्या है निर्वाह भत्ता योजना?
निर्वाह भत्ता योजना हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है. जिसका उद्देश्य निर्माण श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है. यह योजना खासतौर पर उन मजदूरों के लिए है, जो एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में निर्माण कार्य पर प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुए हैं. योजना के तहत मजदूरों को साप्ताहिक भत्ता प्रदान किया जाता है. जिससे उनकी दैनिक जरूरतें पूरी हो सकें.
हर हफ्ते मिलेंगे ₹2539
निर्वाह भत्ता योजना के तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को हर सप्ताह ₹2539 का भत्ता दिया जाता है. यह राशि सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से श्रमिकों के आधार से जुड़े बैंक खातों में भेजी जाती है. यह राशि मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी के बराबर है और उन्हें आर्थिक संकट से बचाने में मदद करती है.
योजना क्यों शुरू की गई?
निर्वाह भत्ता योजना को शुरू करने का मुख्य कारण ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत एनसीआर क्षेत्रों में निर्माण कार्यों पर लगे प्रतिबंध हैं. वायु गुणवत्ता में गिरावट और प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एनसीआर में निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी. इसका सबसे ज्यादा असर उन श्रमिकों पर पड़ा, जो अपनी आय के लिए इन गतिविधियों पर निर्भर थे. सरकार ने इन श्रमिकों की मदद के लिए यह योजना शुरू की.
कौन उठा सकता है इस योजना का लाभ?
निर्वाह भत्ता योजना का लाभ केवल पात्र श्रमिकों को ही मिलेगा. इसके लिए सरकार ने कुछ मापदंड तय किए हैं:
- पंजीकरण अनिवार्य: लाभार्थी श्रमिक को हरियाणा भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए.
- एनसीआर क्षेत्र में कार्यरत: यह योजना केवल उन श्रमिकों के लिए है, जो एनसीआर क्षेत्र में निर्माण कार्य पर प्रतिबंधों से प्रभावित हुए हैं.
- आधार से जुड़े बैंक खाते: श्रमिकों के आधार कार्ड को उनके बैंक खाते से जुड़ा होना चाहिए. ताकि डीबीटी के माध्यम से भत्ता ट्रांसफर किया जा सके.
- एक बार आवेदन का प्रावधान: श्रमिक केवल एक बार ही इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं.
- मृत श्रमिक अपात्र: श्रमिक की मृत्यु के बाद योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा.
कैसे करें अप्लाई?
निर्वाह भत्ता योजना का लाभ पाने के लिए श्रमिकों को आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- पंजीकरण: पहले हरियाणा भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण सुनिश्चित करें.
- दस्तावेज़ जमा करें: आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण,श्रमिक का पहचान पत्र
- आवेदन फॉर्म भरें: श्रमिक ईमित्र केंद्र या संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भर सकते हैं.
- डीबीटी के लिए जानकारी अपडेट करें: आधार से जुड़े बैंक खाता विवरण को अपडेट करें.
- आवेदन जमा करें: सभी जानकारी भरने और दस्तावेज़ जमा करने के बाद आवेदन जमा करें.
योजना के फायदे
निर्वाह भत्ता योजना से श्रमिकों को कई फायदे मिलते हैं:
- आर्थिक मदद: भत्ता श्रमिकों को उनकी दैनिक जरूरतें पूरी करने में मदद करता है.
- सीधे खाते में भुगतान: डीबीटी के जरिए राशि सीधे श्रमिकों के खाते में पहुंचती है. जिससे भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाती है.
- आत्मनिर्भरता: आर्थिक सहायता मिलने से श्रमिक आत्मनिर्भर बनते हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकते हैं.
- प्रदूषण से बचाव के साथ सहयोग: निर्माण प्रतिबंधों के कारण श्रमिकों को होने वाले नुकसान की भरपाई इस योजना के जरिए की जाती है.
सरकार की पहल और चुनौतियां
निर्वाह भत्ता योजना एक सकारात्मक पहल है. लेकिन इसके क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां भी हैं:
- प्रभावित श्रमिकों की पहचान: पात्र श्रमिकों की पहचान सुनिश्चित करना एक कठिन कार्य है.
- जागरूकता की कमी: कई श्रमिक इस योजना के बारे में जानकारी के अभाव में इसका लाभ नहीं उठा पाते.
- समय पर भुगतान: यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि भत्ता समय पर श्रमिकों तक पहुंचे.