प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की हुई मौज, सरकार करने जा रही है ये बड़ा काम Organic Farming

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Organic Farming: हरियाणा सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. कीटनाशकों और रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से बढ़ती बीमारियों और फसलों पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. प्राकृतिक खेती न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है बल्कि यह किसानों की सेहत और लागत को भी प्रभावित करती है.

किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन और सब्सिडी

हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सब्सिडी (Subsidy for Natural Farming in Haryana) देने का ऐलान किया है. सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान इस पारंपरिक और सस्ती खेती की ओर लौटें. इस बार के बजट में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए खास प्रावधान किए जा सकते हैं जिससे किसानों को वित्तीय मदद भी मिलेगी.

प्राकृतिक और ऑर्गेनिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य

प्राकृतिक और ऑर्गेनिक फसलों (Organic Crops MSP in Haryana) के लिए हरियाणा सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करेगी. यह कदम किसानों को उनके उत्पादों के उचित दाम दिलाने के लिए उठाया जा रहा है. एमएसपी से किसानों को अपनी फसलों को लाभकारी मूल्य पर बेचने का भरोसा मिलेगा, जिससे उनका आर्थिक सशक्तिकरण होगा.

प्राकृतिक फसलों की बिक्री के लिए अलग मंडियां

हरियाणा सरकार ने प्राकृतिक फसलों की बिक्री (Special Markets for Organic Produce) के लिए विशेष मंडियां स्थापित करने का निर्णय लिया है. पहले चरण में हर जिले में कम से कम एक मंडी बनाई जाएगी. इन मंडियों में केवल प्राकृतिक और ऑर्गेनिक फसलों की बिक्री होगी, जिससे किसानों को अपनी उपज के लिए सही बाजार मिलेगा.

कृषि मंत्री की कार्ययोजना

राज्य के कृषि एवं बागवानी मंत्री श्याम सिंह राणा ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना (Haryana Agriculture Minister Natural Farming Plan) तैयार की है. इस योजना का उद्देश्य है कि किसानों को पारंपरिक खेती से हटाकर पर्यावरण-अनुकूल और सस्ती खेती की ओर प्रेरित किया जाए.

प्राकृतिक खेती पर केंद्र सरकार का फोकस

केंद्र सरकार भी प्राकृतिक खेती (Central Government Initiative for Natural Farming) को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा प्राकृतिक खेती को हिमाचल प्रदेश और गुजरात के बाद हरियाणा में भी लागू किया जा रहा है. यह मुहिम किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रही है और इसे अन्य राज्यों में भी विस्तारित करने की योजना है.

प्राकृतिक खेती बनाम रासायनिक और ऑर्गेनिक खेती

हरियाणा में वर्तमान में तीन प्रकार की खेती (Types of Farming in Haryana) होती है—रासायनिक, ऑर्गेनिक और प्राकृतिक. रासायनिक खेती में लागत अधिक होती है, लेकिन मेहनत कम लगती है. वहीं ऑर्गेनिक खेती स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, लेकिन इसकी प्रक्रिया थोड़ी महंगी है. इसके विपरीत, प्राकृतिक खेती सस्ती है, लेकिन इसमें मेहनत अधिक लगती है. किसानों को इस सस्ती और प्रभावशाली खेती के लिए जागरूक किया जा रहा है.

प्राकृतिक खेती का प्रभाव और फायदे

प्राकृतिक खेती से न केवल किसान की लागत में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण (Environmental Benefits of Natural Farming) पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह खेती मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, जल संरक्षण करने और रासायनिक प्रदूषण को कम करने में मदद करती है.

सरकार की पहल

हरियाणा सरकार की यह पहल किसानों को एक नई दिशा देने का प्रयास है. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP for Farmers) जैसी योजनाएं राज्य के किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित होंगी.

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