Kisan Samman Nidhi: फार्मर रजिस्ट्री न कराने वाले किसानों को किसान निधि की 20वीं किस्त नहीं मिलेगी. केवल उन्हीं किसानों को यह लाभ मिलेगा. जिन्होंने 31 दिसंबर तक अपना पंजीकरण (Farmer Registry for PM Kisan Yojana) पूरा कर लिया है. जिले के 6.57 लाख किसानों में से अभी तक केवल 48 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया है. इससे लगभग 6 लाख किसानों की किसान निधि अटक सकती है.
जनसुविधा केंद्र और यूपी-एप से पंजीकरण का विकल्प
किसान फार्मर रजिस्ट्री (UP Farmer Registry Process) के लिए यूपी-एप का उपयोग कर सकते हैं या नजदीकी जनसुविधा केंद्र पर जाकर निर्धारित शुल्क देकर पंजीकरण करवा सकते हैं. कृषि विभाग गांवों में शिविर लगाकर किसानों को जागरूक कर रहा है और अधिक से अधिक पंजीकरण कराने का प्रयास कर रहा है.
सर्वर डाउन किसानों को हो रही परेशानी
फार्मर रजिस्ट्री प्रक्रिया में तकनीकी समस्याएं (Farmer Registry Server Issues) बाधा बन रही हैं. वेबसाइट का सर्वर डाउन रहने और ओटीपी देर से आने की वजह से कई किसान पंजीकरण नहीं करवा पा रहे हैं. मंगलवार को कई किसान जनसुविधा केंद्रों पर इंतजार करते रहे. लेकिन साइट सही से नहीं चलने के कारण पंजीकरण नहीं हो सका.
हर योजना के लिए अब जरूरी है फार्मर रजिस्ट्री
फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry Benefits) का उपयोग केवल किसान निधि तक सीमित नहीं है. यह कृषि, उद्यान, डेयरी और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य कर दी गई है. इसमें किसानों की जमीनों का रिकॉर्ड आधार से लिंक होगा और एक यूनिक फार्मर आईडी गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा. इस कार्ड से किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा योजना और क्षतिपूर्ति योजनाओं का लाभ लेना आसान होगा.
कृषि विभाग की अपील: पंजीकरण शीघ्र कराएं
उप कृषि निदेशक, डॉ. एसके सिंह (Agriculture Officer Farmer Registry Appeal) ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी फार्मर रजिस्ट्री पूरी कर लें. उन्होंने कहा कि तकनीकी समस्याओं के बावजूद किसान 7 जनवरी तक पंजीकरण करवा सकते हैं, जिससे उनकी किसान निधि की किस्त नहीं रुकेगी.
रजिस्ट्री से किसानों को क्या लाभ मिलेगा?
फार्मर रजिस्ट्री (Benefits of Farmer Registry for Farmers) से किसानों को सभी योजनाओं का लाभ आसान और पारदर्शी तरीके से मिलेगा. इसके अलावा यह प्रक्रिया भूमि रिकॉर्ड को डिजिटाइज कर प्रशासनिक कार्यों को तेज और सरल बनाएगी.
जागरूकता अभियान की कमी
हालांकि, फार्मर रजिस्ट्री (Farmer Registry Awareness Challenges) के लिए जागरूकता की कमी बड़ी समस्या बनी हुई है. कई किसान इस प्रक्रिया के महत्व को नहीं समझ पा रहे हैं. जिससे पंजीकरण का आंकड़ा कम है.
अंतिम तिथि के बाद बढ़ सकती हैं समस्याएं
31 दिसंबर के बाद पंजीकरण न कराने वाले किसानों (Deadline for Farmer Registry) को आने वाली योजनाओं और लाभों से वंचित होना पड़ सकता है. इसलिए किसानों को समय रहते अपनी रजिस्ट्री पूरी कर लेनी चाहिए.