Pran Vayu Devata Yojana: हरियाणा सरकार ने एक अनूठी और पर्यावरण के प्रति सजग पहल की है. जिसके तहत 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पेड़ों को पेंशन प्रदान की जाती है. यह योजना ‘प्राण वायु देवता योजना’ के नाम से जानी जाती है. जो कि पर्यावरण की सुरक्षा और पेड़ों की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है.
वन विभाग की भूमिका
वन विभाग उन पेड़ों का समय का आंकलन करता है जो इस योजना के लिए पात्र हैं. चरखी दादरी में विभाग ने पहले ही 350 पेड़ों को इस योजना के अंतर्गत मान्यता दी है और 20 पेड़ों को पेंशन की मंजूरी भी दी गई है. यह पेंशन उस व्यक्ति को मिलती है. जिसकी जमीन पर पेड़ खड़ा है और यदि पेड़ पंचायत की जमीन पर है, तो पेंशन पंचायत को दी जाती है.
खट्टर सरकार की एक पहल
इस योजना की शुरुआत मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में हुई थी. जिसका मुख्य उद्देश्य पेड़ों की कटाई को रोकना और पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखना है. इस पहल के माध्यम से सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करती है और सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाती है.
पेंशन योजना के फायदे
इस पेंशन योजना से न केवल पेड़ संरक्षित होते हैं बल्कि यह ग्रामीणों को भी अपनी जमीन पर मौजूद पुराने पेड़ों की देखरेख के लिए प्रेरित करता है. यह पहल भविष्य में अधिक स्थायी और हरित पर्यावरण की नींव रखती है.
एक कदम पर्यावरण की ओर
हरियाणा सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे पर्यावरण संरक्षण को अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाया जा सकता है. यह योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक लाभ भी प्रदान करती है. जिससे पर्यावरण और मानवता दोनों को फायदा होता है.