इस राज्य में 145 दिन रहेगी स्कूलों की छुट्टी, हर ढाई दिन बाद है एक छुट्टी School Holidays

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School Holidays: राजस्थान में कड़ाके की सर्दी, गर्मी और बिपरजॉय जैसे तूफान ने शैक्षणिक सत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है. 2025 में राज्य के कई जिलों में शीतलहर के कारण स्कूलों में 13 से 18 जनवरी तक अवकाश घोषित किया गया. पिछले सात-आठ वर्षों में मौसम की प्रतिकूलता के चलते छुट्टियों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

अतिरिक्त छुट्टियों का बच्चों और अभिभावकों पर असर

तय अवकाश के अलावा छुट्टियों के बढ़ने से विद्यार्थियों की पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. अभिभावकों को फीस के नुकसान के साथ मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी और निजी स्कूलों में सिलेबस पूरा करने की जल्दबाजी (loss of syllabus coverage due to holidays) से पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.

शिक्षा के अधिकार अधिनियम और छुट्टियों का संतुलन

शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act 2009) के तहत पढ़ाई के न्यूनतम दिन और घंटे तय किए गए हैं:

  • प्राथमिक स्तर: न्यूनतम 200 दिन और 4 घंटे प्रति दिन.
  • उच्च प्राथमिक स्तर: 220 दिन और 5-6 घंटे पढ़ाई.
    हालांकि, अतिरिक्त छुट्टियों के चलते इस नियम का पालन चुनौती बन गया है.

2025 में बढ़ी छुट्टियां

  • जयपुर, कोटा, करौली: 18 जनवरी तक अवकाश.
  • अजमेर, नागौर, उदयपुर: 13 से 18 जनवरी तक स्कूल बंद.
  • 2024: बीकानेर, झालावाड़, सवाई माधोपुर में शीतलहर के कारण 8वीं तक की कक्षाएं 16 जनवरी तक स्थगित.
  • 2023: बिपरजॉय तूफान के चलते सिरोही, पाली, जालोर में 1-2 दिन का अवकाश घोषित.

अतिरिक्त छुट्टियों का समाधान

सरकार को शैक्षणिक सत्र में मौसम की प्रतिकूलता को ध्यान में रखते हुए नए दृष्टिकोण से शिक्षा नीति तैयार करनी चाहिए.

  • शैक्षणिक कैलेंडर का पुनर्गठन: बदलते मौसम के अनुरूप छुट्टियों को घटाने-बढ़ाने की व्यवस्था.
  • ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई का सामंजस्य: कोरोनाकाल के अनुभवों का लाभ उठाते हुए शिक्षण पद्धति में सुधार.
  • क्रिएटिव टास्क और प्रोजेक्ट वर्क: छुट्टियों के दौरान बच्चों को रचनात्मक कार्य सौंपना.
  • संतुलित अवकाश: उत्सव, पर्व और जयंतियों पर संतुलित छुट्टियों का निर्धारण.

शिक्षा और सहशैक्षणिक गतिविधियों का संतुलन

छात्रों को केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ सहशैक्षणिक गतिविधियों में भी भागीदारी का मौका दिया जाना चाहिए.

  • ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश के दौरान होमवर्क और प्रोजेक्ट्स के जरिए पढ़ाई जारी रखना.
  • मौसम की अनुकूलता के समय शैक्षणिक और सहशैक्षणिक गतिविधियों पर जोर.

अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुझाव

शिक्षकों के लिए: जल्दबाजी में सिलेबस पूरा करने की बजाय पढ़ाई को गुणवत्तापूर्ण बनाएं.

बच्चों को प्रेरित करें: घर पर पढ़ाई की आदत डालें.

स्कूल प्रशासन से संपर्क रखें: अवकाश और कक्षाओं की जानकारी समय पर लें.

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