सूरजकुंड मेले में पर्यटकों को मिलेगी ये खास सुविधाएं, लिस्ट कर ले चेक Surajkund Mela 2025

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Surajkund Mela 2025: हर साल की तरह इस बार भी हरियाणा के फरीदाबाद (Surajkund Mela 2025 updates) में सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला आयोजित किया जाएगा. यह मेला 7 से 13 फरवरी तक चलेगा, और इस बार पर्यटकों की सुविधाओं को पहले से कहीं ज्यादा बेहतर बनाया गया है. सूरजकुंड मेला न केवल देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है. बल्कि इसे लेकर कई नई पहलें भी की गई हैं.

सूरजकुंड मेले में बढ़ी एटीएम सुविधाएं

सूरजकुंड मेले में इस बार (ATM facilities at Surajkund Mela 2025) एटीएम की संख्या में वृद्धि की गई है. पिछली बार जहां केवल तीन एटीएम थे. अब मेला परिसर में 6 एटीएम लगाए जाएंगे. इनमें दो मोबाइल एटीएम भी होंगे, जिससे मेले में आने वाले पर्यटकों को पैसों की निकासी में कोई परेशानी नहीं होगी. पर्यटन विभाग ने बैंकों से संपर्क करके इस सुविधा को सुनिश्चित किया है.

पर्यटकों की सुविधाओं में नया बदलाव

सूरजकुंड मेला (Tourist facilities in Surajkund Mela 2025) के आयोजन से पहले मेला परिसर में तमाम सुविधाएं तैयार की जा रही हैं. खासकर हट्स (temporary stalls at Surajkund Mela) जो अपने खास अंदाज में नज़र आएंगे. तीन दिवसीय गुर्जर महोत्सव के समापन के बाद पर्यटन निगम ने मेले की तैयारी शुरू कर दी है. जिससे पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाने की योजना है.

बिम्सटेक देशों की अहम भूमिका

इस बार सूरजकुंड मेला (BIMSTEC countries participation in Surajkund Mela 2025) में बिम्सटेक के सात देशों को भी जोड़ा गया है. बिम्सटेक यानी बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग संगठन में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं. इन देशों का मेला में भागीदारी से मेले में और अधिक अंतरराष्ट्रीय रंग देखने को मिलेगा.

मेले में नई अंतरराष्ट्रीय भागीदारी

इस बार बिम्सटेक (BIMSTEC cooperation in Surajkund Mela) देशों की भागीदारी से सूरजकुंड मेला और भी आकर्षक बन जाएगा. इन देशों के हस्तशिल्प और संस्कृति को दर्शाने के लिए विशेष प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.

सूरजकुंड मेले का सांस्कृतिक महत्व

सूरजकुंड मेला (Cultural importance of Surajkund Mela) भारतीय हस्तशिल्प और संस्कृति को बढ़ावा देने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है. यहां हर साल दुनिया भर से आर्टिस्ट और कारीगर अपने कला और शिल्प का प्रदर्शन करते हैं. इस मेले का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने लाना है.

सूरजकुंड मेले का बढ़ता हुआ महत्व

सूरजकुंड मेला (Surajkund Mela growing importance globally) अब एक अंतरराष्ट्रीय पहचान बन चुका है. इसकी खासियत यह है कि यहां भारतीय संस्कृति के साथ-साथ दुनिया भर की संस्कृति का संगम देखने को मिलता है. इस बार बिम्सटेक देशों की भागीदारी से मेले की ख्याति और भी बढ़ेगी.

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