School Holiday: उत्तराखंड में सर्दियों का मौसम धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है. खासकर राज्य के पर्वतीय इलाकों में तापमान शून्य से नीचे चला गया है. बर्फबारी के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है और इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने सर्दियों की छुट्टियों का ऐलान कर दिया है. राज्य के ठंडे इलाकों में 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे.
पर्वतीय इलाकों में क्यों जरूरी है सर्दियों का अवकाश?
उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति काफी विषम है. यहां के पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ती है. जिससे जीवन मुश्किल हो जाता है.
- बर्फबारी का असर: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं और तापमान शून्य से नीचे चला जाता है.
- स्वास्थ्य की चिंता: ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. इसलिए स्कूल बंद करना जरूरी हो जाता है.
- पढ़ाई में व्यवधान: ठंड के मौसम में स्कूल जाना न केवल मुश्किल होता है. बल्कि ठंड के कारण पढ़ाई पर भी असर पड़ता है.
25 दिसंबर से 31 जनवरी तक स्कूल रहेंगे बंद
अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना के अनुसार जिले के ठंडे इलाकों में 25 दिसंबर से 31 जनवरी तक सभी स्कूलों में सर्दियों का अवकाश रहेगा.
- यह अवकाश उन स्कूलों के लिए घोषित किया गया है, जो पर्वतीय और अत्यधिक ठंड वाले क्षेत्रों में स्थित हैं.
- 1 फरवरी से इन स्कूलों में कक्षाएं पुनः सुचारू रूप से शुरू होंगी.
कुछ इलाकों में एक जनवरी से 15 जनवरी तक छुट्टी
राज्य के कुछ ऐसे स्कूल भी हैं. जहां गर्मियों के मौसम में लंबी छुट्टियां रहती हैं. इन स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियां 1 जनवरी से 15 जनवरी तक ही घोषित की गई हैं.
- इन स्कूलों में गर्मियों में एक माह से अधिक अवकाश रहता है. इसलिए सर्दियों की छुट्टियां कम दी जाती हैं.
- ऐसे स्कूल मुख्य रूप से मैदानी इलाकों में स्थित हैं. जहां ठंड का असर अपेक्षाकृत कम होता है.
ठंडे इलाकों में खास तैयारी
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सर्दियों के मौसम का सामना करना काफी कठिन होता है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने छात्रों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए हैं:
- शीतकालीन अवकाश का विस्तार: अवकाश की अवधि बढ़ाकर लगभग 1 महीने से अधिक कर दी गई है.
- स्वास्थ्य सुरक्षा: छात्रों को ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए छुट्टियों के दौरान स्कूलों को बंद रखना अनिवार्य कर दिया गया है.
- गर्म कपड़ों की व्यवस्था: माता-पिता को बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए कहा गया है.
सर्दियों के अवकाश का महत्व
सर्दियों का अवकाश बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है. इसके कई फायदे हैं:
- स्वास्थ्य सुरक्षा: सर्दी के प्रकोप से बच्चों को राहत मिलती है.
- शारीरिक और मानसिक आराम: ठंड के कारण बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी होती है. छुट्टियां उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा करती हैं.
- पढ़ाई का समय प्रबंधन: बच्चे छुट्टियों में होमवर्क पूरा कर सकते हैं और पिछली पढ़ाई की रिवीजन भी कर सकते हैं.
अवकाश के दौरान माता-पिता की भूमिका
छुट्टियों के दौरान माता-पिता की भूमिका काफी अहम होती है. उन्हें अपने बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों का ध्यान रखना चाहिए:
- स्वास्थ्य का ख्याल रखें: बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और सर्दी से बचाने के लिए उचित व्यवस्था करें.
- पढ़ाई का समय तय करें: बच्चों के लिए हल्के-फुल्के पढ़ाई के घंटे निर्धारित करें ताकि वे पढ़ाई से दूर न हों.
- रचनात्मक गतिविधियां: छुट्टियों के दौरान बच्चों को चित्रकला, कहानी लेखन, खेल आदि में व्यस्त रखें.
बर्फबारी और पर्यटन का बढ़ा आकर्षण
सर्दियों में उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होती है. जिससे यहां के पर्यटन को भी काफी बढ़ावा मिलता है.
- मसूरी, नैनीताल और औली: ये प्रमुख पर्यटन स्थल सर्दियों में बर्फबारी के लिए प्रसिद्ध हैं.
- स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार: पर्यटन बढ़ने से स्थानीय व्यापारियों और होटल व्यवसायियों को फायदा होता है.
शिक्षा विभाग की तैयारी
सर्दियों के बाद स्कूलों को सुचारू रूप से खोलने के लिए शिक्षा विभाग ने खास तैयारियां की हैं:
- शीतकालीन अवकाश का पालन: सभी स्कूलों को सख्ती से अवकाश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
- शिक्षण कार्य की समीक्षा: अवकाश के बाद शिक्षण कार्य को गति देने की योजना बनाई गई है.
- सुरक्षा सुनिश्चित करना: स्कूलों में छुट्टियों के बाद साफ-सफाई और ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.